Monday, November 19, 2007

अजीब-अजीब सा प्यार

सुना-सुना दिन
प्यारा-प्यारा मन

सोंधी-सोंधी खुशबु
सिसकती-सिसकती सी शबनम

गुलाबी-गुलाबी बहार
अजीब-अजीब सा प्यार

चुप-चुप सी शाम
तड़पती-तड़पती रात

खोया-खोया आलम
बहका-बहका मोसम

dhundati हुई आँखें
झुकती हुई पलकें

क्या यही प्यार है
यही जीवन है ..

निवेदिता शुक्ला

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